Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Sep 2021 · 1 min read

بات کہنے والی بس …..

بات کہنے والی بس آن٘کھوں سے بتا دیتے ہیں
عِشْق میں سبھی عاشِق یوں اپنا پتا دیتے ہیں

آپ چاہے تو اپنی ہَسْتی ہم مٹا دیتے ہیں
آپکے حُسْن کے صَدْقے میں ہم سر جُھکا دیتے ہیں

***
— مہاویر اترانچلی

Language: Urdu
Tag: نظم
1 Like · 1 Comment · 277 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
🏛️ *दालान* 🏛️
🏛️ *दालान* 🏛️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
होली की हार्दिक शुभकामनाएं🎊
होली की हार्दिक शुभकामनाएं🎊
Aruna Dogra Sharma
खुल जाये यदि भेद तो,
खुल जाये यदि भेद तो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सावन
सावन
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-428💐
💐प्रेम कौतुक-428💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*क्या हुआ आसमान नहीं है*
*क्या हुआ आसमान नहीं है*
Naushaba Suriya
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
समाज के बदलते स्वरूप में आप निवेशक, उत्पादक, वितरक, विक्रेता
Sanjay ' शून्य'
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
Manju sagar
"रामनवमी पर्व 2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पुरुषो को प्रेम के मायावी जाल में फसाकर , उनकी कमौतेजन्न बढ़
पूर्वार्थ
#शिव स्तुति#
#शिव स्तुति#
rubichetanshukla 781
आज ही का वो दिन था....
आज ही का वो दिन था....
Srishty Bansal
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
Shweta Soni
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
Sunil Suman
शीर्षक -  आप और हम जीवन के सच
शीर्षक - आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
उस्ताद नहीं होता
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
फकत है तमन्ना इतनी।
फकत है तमन्ना इतनी।
Taj Mohammad
"चलना"
Dr. Kishan tandon kranti
*गिरिधर कविराय सम्मान*
*गिरिधर कविराय सम्मान*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरी हैसियत
मेरी हैसियत
आर एस आघात
मुस्कुराने लगे है
मुस्कुराने लगे है
Paras Mishra
अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों?
अद्य हिन्दी को भला एक याम का ही मानकर क्यों?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
शब्दों से बनती है शायरी
शब्दों से बनती है शायरी
Pankaj Sen
परेशानियों से न घबराना
परेशानियों से न घबराना
Vandna Thakur
अजीब शख्स था...
अजीब शख्स था...
हिमांशु Kulshrestha
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
क्रांतिवीर नारायण सिंह
क्रांतिवीर नारायण सिंह
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फिर से तन्हा ek gazal by Vinit Singh Shayar
फिर से तन्हा ek gazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
Loading...